अगर रोबोट्स अपना काम करना बंद करके इंसान की भक्ति करने लगे तो क्या होगा?

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दोस्तों सभी धार्मिक जन जिन भी ईश्वर को मानते हैं उन्हें अपना निर्माता मानकर उनकी पूजा पाठ आराधना भक्ति अपने अपने धार्मिक रिवाजों के अनुसार करते हैं । क्या आपने यह सोचा है कि हमारे ईश्वर क्या हमारे पूजा पाठ एवं भक्ति से प्रसन्न होते हैं या फिर ऐसा करके हम उन्हें दुखी करते हैं। दोस्तों ईश्वर ने हमें अपनी सारी शक्ति दी है हमे बुद्धि एवं शक्ति से नवाजा है ।

उन्होंने हमे अपनी बुद्धि का अंश दिया ताकि हम योजना बना सकें और हम जो चाहते हैं उसका निर्माण कर सकें। आज हम विज्ञान की मदद से जो भी चाहते हैं उसे मानने की ताकत रखते हैं और यह वैज्ञानिक सोच हम इंसानों को ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा वरदान हैं पर दुख तब होता है जब हम इस विज्ञान की मदद से ईश्वर द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए मेहनत करने के बजाए हम अपने निर्माणकर्ता उस ईश्वर की आराधना करके उनकी पूजा पाठ करके उन्हे खुश करने की कोशिश करते हैं। ताकि वो खुश होकर हमे वो सबकुछ दे  जो हम चाहते हैं। क्या आपको लगता है की भगवान चापलूस पसंद हैं। अगर उन्हें अपनी वाहवाही ही करानी होती तो वो आपको विज्ञान और बुद्धि की शक्ति ही क्यों देते? क्या आपने कभी यह सोचा है? नही न, तो जरा सोचिए।


मानलो की आप एक वैज्ञानिक हो और आपने एक ऐसा रोबोट बनाया जो इंसानों की तरह सोच सकता है और हर वो काम कर सकता है जो इंसानों के भी बस की बात नही। अब मान लो की आपके इस रोबोट के पास इंसानों की तरह सोचने समझने की भी शक्ति है और उस रोबोट ने आपको पहचान लिया की आप ने ही उसे बनाया है याने कि आप उसके भगवान हो, जैसे की हम इंसान अपने बनाने वाले को अपना भगवान मानते हैं।


दोस्तों अब जरा सोचकर देखिए की यदि आपका रोबोट आपके द्वारा दिए गए कार्यों को करने के बजाए आपकी भक्ति करने लगे आपकी तपस्या करने लगे तो क्या आप खुश होंगे। यदि आपका रोबोट आपसे यह आस्था रखने लगे की वो आपकी पूजा पाठ करके आपको खुश करेगा और आप खुश होकर बदले में रोबोट के सारे काम कर दोगे तो क्या यह आपको सचमे अच्छा लगेगा जरा सोचकर बताइए?
मुझे पता है आप यही कहेंगे की ऐसे रोबोट को बनाने का क्या मतलब और शायद आप उसे डिस्मेंटल करके उसके सारे पुर्जे किसी और काम में उपयोग करने का सोचे।


दोस्तों हमारे भगवान भी हमारे लिए ऐसा ही सोचते हैं। यही वजह है की जीवन में कुछ भी कर्म न करके केवल भक्ति करने वाले दधीचि ऋषि के शरीर को सुरभि गाय से तब तक चटवाया गया जब तक की उनकी अस्थि पंजर बाहर न निकल जाए और फिर उनकी अस्थि को वज्र बनाने के लिए उपयोग में लिया गया।

आस्था और विज्ञान


यह एक छोटा सा उदाहरण है जिससे मैने यह समझाने की कोसी की है की ईश्वर को भक्त या उपासक नही चाहिए बल्कि उन्हे संसार को अपने मेहनत से संवारने वाला मनुष्य चाहिए धन्यवाद।

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महिला कानूनों का दुरूपयोग। नारी कर रही पुरुष का शोषण

दोस्तों लीव इन रिलेशन भारत का कल्चर नही है पर आज कल के बदलते दौर में युवाओं इसका काफी चलन देखा जा रहा है। जब हम किसी भी विदेशी जीवन शैली को अपनाते हैं तो उसे पूरी तरह से अपनाना चाहिए नही तो काफी दिक्कत हो जाती है। आज मैं लीव इन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की आपसे चर्चा करते हुए इस विषय पर आपकी प्रतिक्रिया भी चाहूंगा । दोस्तों सबसे पहले तो आपको बता दूं कि लीव इन रिलेशन पूरी तरह से पाश्चात्य संस्कृति है जिसमे लड़का लड़की आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ रहते है । इसके कुछ साधारण से नियम भी हैं जो की लड़का एवं लड़की दोनो को निभाना होता है। 

जैसे की एक दूसरे की परवाह करेंगे, एक दूसरे के निजी मामलों में उतना ही दखल देंगे जितना वो एलाऊ करेगें, घर का खर्चा मिलकर वहन करेंगे इत्यादि। लीव इन एक तरह से बिना शादी के पति पत्नी की तरह जीने का ट्रायल है जिसमे यदि लड़का या लड़की दोनों में से किसी एक को भी साथ रहने के दौरान ऐसा लगता है की वो एक दूसरे केलिए नही बने तो वे उसी वक्त अपना रास्ता अलग कर सकते है और इसमें कोई किसी को दबाव नहीं बना सकता रिश्ता आगे बढ़ने के लिए।
पर लड़का लड़की साथ रहें और संबंध न बने ऐसा हो नहीं सकता यहीं से परेशानी शुरू होती है और लड़कियों का दोहरा चरित्र उभर कर सामने आता है। हमने अक्सर देखा है की लड़की लड़के खिलाफ केस कर देती है की लड़के ने शादी का झांसा देकर उसका शोषण किया । एक तरफ तो लड़कियां जेंडर इक्वालिटी की बात करती हैं और दूसरी तरफ खुद को मासूम और अबला बताते हुए लड़के पर आरोप लगाती है की शादी का झांसा देकर शोषण किया अब आप सब यह बताइए की क्या ऐसा कहना सही है। जब लड़का लड़की दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से एक साथ एक रूम में रह रहे हैं। उनके बीच में जो भी संबंध बन रहा है उसमे दोनो की मर्जी है फिर लड़की बाद में खुद को दूध पीती बच्ची साबित करने में क्यों तुल जाती है यह बात समझ से बाहर है। कृपया इस विडियो को देखें और कमेंट करके अपनी राय बताएं धन्यवाद।

https://youtu.be/pAC5EHBcCA8

करीना कपूर खान ने बेटे को दिया जन्म। खान परिवार में खुसी की लहर ।

करीना कपूर खान ने बेटे को दिया जन्म। खान परिवार में खुसी की लहर ।

दोस्तों बॉलीवुड स्टार करीना कपूर खान और सैफ अली खान के बेटा हुआ है, जैसे ही करीना के डिलीवरी की खबर आई तभी से  सभी न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया में यह खबर तेजी  वायरल हो रही है। आपको बता दें की करीना ने 21 फ़रवरी 2021 अर्थात बीते कल को एक  लड़के को जन्म दिया । डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा ने सबसे पहले यह खबर बॉलीवुड अपने इंस्टग्राम में पोस्ट करते हुए सैफ और करीना को बधाई दी । इसी के साथ यह खबर तेज़ी से वायरल हो गई ।

karina kapoor khan and saif ali khan become parents of a second new born baby boy


करीना कपूर खान को रविवार की सुबह  4:45 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया।अपने दूसरे बच्चे के जन्म से पहले, करीना और सैफ एक बड़े घर में शिफ्ट हो गए थे, जो उनके पहले वाले घर के ठीक पीछे है। उनका बड़ा बेटा तैमूर अली खान अब 4 साल का हो चूका है ।

करीना ने पिछले साल अगस्त में अपने दोबारा गर्भवती होने की जानकारी दी । करीना और सैफ़ ने अपने साझा बयान में यह कहा कि , "हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारे परिवार में एक और नए सदस्य का आगमन होने वाला है। हमारे सभी शुभचिंतकों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।"

डांसर सपना चौधरी का जूस वाले के साथ यह वीडियो हो रहा है वायरल।


Image result for sapna chaudhary on bulletसपना चौधरी चाहे स्टेज पर डांस कर रही हों चाहे फिल्मों में अभिनय, उनकी हर अदा उनके प्रशंषकों को खूब भाती है। सपना चौधरी का हर अंदाज बाकि सबसे अलग और कमाल का होता है। अभी हाल ही में सपना चौधरी का एक और वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सपना एक नए अंदाज में नज़र आ रही हैं। सपना वीडियो में काफी रौबदार और सनसनीखेज अंदाज में बुलेट चलाती दिखाई दे रही हैं। सपना चौधरी के दो अलग अलग वीडियो इस वक़्त सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहे हैं।



वायरल हो रहे पहले वीडियो में सपना चौधरी बुलेट चला रही हैं और उनके भाई उनके पीछे बैठे हैं। सपना चौधरी के बुलेट राइड वाला यह वीडियो सोशल वीडियो पर काफी धमाल मचा रहा है। सपना चौधरी हमेसा से ही अपने खास और औरों से जुदा अंदाज़ के लिए जानी जाती हैं। बुलेट चलाते हुए उनका यह अंदाज़ एकदम खास है।
वायरल हो रहे दूसरे वीडियो में सपना चौधरी गन्ने के जूस की दूकान के पास अपने बुलेट पर बैठी हैं और गन्ने के रस का लुत्फ़ उठा रही हैं। सपना चौधरी के ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया पे काफी देखे जा रहे हैं।




सपना चौधरी हरयाणवी, भोजपुरी और पंजाबी लोकसंगीत एवं फिल्मों में तहलका मचाने के साथ साथ टेलीविज़न पर  बिगबॉस शो में भी आ चुकी हैं। बिगबॉस से बहार होने के बाद उन्हें भोजपुरी फिल्मों में काम मिल गया। फिल्म बैरी कंगना में उनका स्पेशल नंबर जबरदस्त हिट रहा। इसके बाद सपना चौधरी ने पंजाबी फिल्म में भी स्पेशल सांग किया। सपना चौधरी बॉलीवुड के फिल्म में भी काम कर चुकी हैं। सपना चौधरी की पहली हिंदी फिल्म 'दोस्ती के साइड इफेक्ट' थी।

सपना चौधरी बिना ब्रा के पहुंची स्टेज पर। वायरल हो रहा वीडियो।

कुछ समय पहले सपना चौधरी के बारे में एक और खबर वायरल हुआ था जिसमे यह दावा किया गया था की सपना चौधरी बिना ब्रा के ही स्टेज पर करने पहुंच गई थी। जब इस खबर के सच की पड़ताल की गई तो यह पाया गया की गर्मी की वजह से डांस के दौरान सपना चौधरी पसीने से भींग गई थी। भीगे कपडे के वजह से डांस में आ रही दिक्कत को देखते हुए उन्होंने ब्रा बहने बिना ही डांस कंटिन्यू करने का फैसला लिया और स्टेज पर पहुच गई।

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झूठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया शर्मिंदा।

Image result for narendra modiनमस्कार दोस्तों,

दोस्तों, नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो हर वक़्त  सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। हालांकि उनकी इन सुर्ख़ियों की वजह उनके काम नहीं बल्कि भाषण के दौरान गलत बयानों को लेकर होता है। उन्होंने पिछले पांच सालों में भारत के इतिहास और इतिहास पुरुषों के बारे में कई गलत जानकारी अपने भाषण के माध्यम से देश की जनता को परोसा है। मोदी जी के झूठे बयानों और झूठे दावों का सिलसिला लगातार जारी है। उनकी यह गलत भाषणबाजी भारत के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कलंकित करता है। यह बड़े ही शर्म की बात है की वे देश के पढ़े लिखे लोगों के इतिहास, विज्ञान और भूगोल की शिक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी उन अध्यापकों के ज्ञान पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं जिन्होंने देश की अगली पीढ़ी को अपनी शिक्षा से लाभान्वित किया।

आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के वो कौनसे बयान हैं जिनकी वजह से पूरी दुनिया में भारत का मज़ाक बनाया जा रहा है:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला झूठ : गटर के गैस से बनने वाली चाय।  

प्रधान मंत्री मोदी का जो बयान सबसे पहले सुर्ख़ियों में आया वह था गटर के गैस से चाय बनाने की तकनीक का ज़िक्र। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था की उन्होंने एक ऐसे चाय वाले से मुलाकात की है जो की गटर की गन्दगी से पनपी गैस को इकट्ठा करके चाय बनाने की तकनीक जानता है। उनके इस बयान के बाद देश और दुनिया के विज्ञान के जानकार अपना सिर खुजाने लगे की ऐसा कैसे हो गया। जो काम वैज्ञानिक तरीके से असंभव है यदि उसके सच होने का दावा खुद देश के प्रधानमंत्री करने लगें तो फिर बुद्धिजीवियों का सिर चकराना स्वाभाविक भी है। मोदी जी ने यह दावा अगस्त 2018 में किया था। अपने इस बयान को लेकर पीएम मोदी काफी ट्रोल हुए। कई जानकारों ने कहा की पीएम को बिना तथ्यों की जानकारी के इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए जिससे उनके पद की गरिमा को टेक्सस पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा झूठ : जब शहीद भगत सिंह जेल में बंद थे तो कोई भी कांग्रेसी उनसे मिलने नहीं गया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक चुनावी रैली में आम जनता को सम्बोधित करते हुए कहा की जब शहीद भगत सिंह को अंग्रेजों ने जेल में बंद किया था तो कोई भी कांग्रेसी नेता उनसे मिलने जेल नहीं गया था। इसी प्रकार स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त पर जब मुकदमा चल रहा था या जब वीर सावरकर अंदमान निकोबार की जेल में बंद थे तब भी उनसे मिलने कोई भी कांग्रेसी जेल में नहीं गया था। अब आपको बता दें की यदि आपने थोड़ा बहोत इतिहास पढ़ा हो या फिर हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी रखते हों तो आपको यह पता होगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ तौर पर झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस के कई नेता न केवल उनसे मिलने गए थे अपितु मिलने के बाद जेल में उनकी हालत पर अपना बयान भी दिया था जिसे मौजूदा मीडिया ने अपने खबर में छापा भी था। प्रोफेसर इरफ़ान हबीब ने अपने किताब " to make the deaf hear" में इस बात का ज़िक्र किया है की जब भगत सिंह जेल में बंद थे तो उस दौरान उनसे कौन कौन मिलने गया था और क्या मुख्य बातें हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा बड़ा झूठ : कोणार्क का सूर्य मंदिर 2000 साल पुराना।

अमेरिका दौरे में गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की जनता को सम्बोधित करते हुए देश को शर्मिंदा किया। नरेंद्र मोदी ने भारत के इतिहास से सम्बंधित कई गलत जानकारी दी। उन्होंने विदेश में जाकर भारत कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में यह कहा की वह 2000 साल पुराना है जबकि कोणार्क मंदिर केवल 700 साल पुराना है। अब जरा आप ही सोचिए वहां बैठे किसी इतिहासकार ने क्या सोचा होगा हमारे बारे में कि जिस देश के प्रधानमंत्री तक को अपने इतिहास की सही जानकारी नहीं है, वहां की जनता का ज्ञान कैसा होगा। जिस बात की सही जानकारी नहीं होती क्या उसका गलत ज़िक्र करना प्रधानमंत्री को सोभा देता है।

 नरेंद्र मोदी की कुछ और गलत बयान :

साल 2003 में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने एक सभा में जनता को सम्बोधित करते वक़्त महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनलाल करमचंद गाँधी कह दिया था जबकि उनका असली नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है।

साल 2013 में पटना की एक रैली में जनता को सम्बोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने बिहार की प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए सम्राट अशोक, पाटलिपुत्र, नालंदा और तक्षशिला का जिक्र किया जबकि सच्चाई यह है की तक्षशिला पहले पंजाब का हिस्सा थी और अब वह पाकिस्तान में है। तक्षशिला का बिहार से कभी कोई नाता रहा ही नहीं।
इसी प्रकार उन्होंने साल 2003 में यह कहा था की आजादी के समय भारत का एक रूपया यूएस के एक डॉलर के बराबर था। जबकि तथ्य यह है कि उस समय एक रुपए की कीमत 30 सेंट के बराबर थी। एक रूपया एक पाउंड के बराबर था। 

साल 2019 में मोदी जी ने इतिहास के साथ साथ विज्ञान की भी धज्जियाँ उड़ाई। 

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया की बदली की वजह से बादलों में छिप गए विमान को पकड़ने में राडार हुआ नाकाम।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में न्यूज़ नेशन नामक एक न्यूज़ चैनल को अपना इंटरव्यू दिया है। मोदी का या इंटरव्यू काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। उन्होंने बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक दौरान मौसम की खराबी और बादलों पर अपनी जो वैज्ञानिक और सैन्य समझ का मिशाल प्रस्तुत किया वह आज दुनिया भर के न्यूज़ चैनल्स के ख़बरों पर छाई हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस इंटरव्यू में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का ज़िक्र करते हुए कहा कि वो इस पूरी कार्यवाही को लीड कर रहे थे और सेना को कमांड कर रहे थे। मौसम खराबी की वजह से आसमान में बादल होने के कारण इस मिशन को लीड करने वाले कमांडर ने मिशन को टालने का  फैसला कर लिया था।  साहब ने अपनी सूझबूझ और वैज्ञानिक बुद्धि का परिचय देते हुए कहा की बादलों की ओट में छिप जाने की वजह से हम दुश्मन की राडार से बच सकते हैं इसलिए अभी हमला करना हमारे लिए फायदे मंद रहेगा।

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद विज्ञान और राडार तकनीक के जानकारों ने पत्थर पर अपना सिर पटकना शुरू कर दिया। मोदी जी के इस बयान के बाद उनकी डिग्री और शिक्षा दोनों पर प्रश्न चिन्ह लग चूका है। सच यह है की राडार कभी भी बादलों के पीछे नहीं छिप सकता बल्कि जब अत्यधिक मौसम ख़राब होता है तो इसी राडार की मदद से विमानों को सुरक्षित लैंडिंग कराइ जाती है। प्रधानमंत्री कि इस अवैज्ञानिक तर्क का पूरी दुनिया में मजाक बन गया है और साथ ही उनकी वजह से भारत को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।

साल 1987-88 में पीएम मोदी ने किया पहला ईमेल और डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल । 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में यह दावा कर रहे हैं की उन्होंने साल 1987-88 में ही सबसे पहले डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था और उससे खींची गई फोटो को उन्होंने अटल जी को ईमेल से भेजा था। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का यह इंटरव्यू वाला वीडियो खूब वायरल हो रहा है। पीएम के इस इंटरव्यू वाले वीडियो पर अभिनेता प्रकाश राज ने एक कमेंट भी किया है जो की काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। प्रकाश राज ने अपने कमेंट में लिखा है की उल्लू बनाने का भी हद होता है भाई।

पीएम मोदी के इस इंटरव्यू का इतना मजाक इसलिए बन रहा है क्योंकि साल 1990 से पहले न तो डिजिटल कैमरे की खोज हुई थी और न ही ईमेल अटैचमेंट सुविधा का। तो फिर प्रधानमंत्री मोदी ने किस डिजिटल कैमरे से फोटो खींची और कैसे उसे ईमेल कर दिया।

दोस्तों आपको यह न्यूज़ कैसा लगा यह आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं और हमें फॉलो करना न भूलें, धन्यवाद्। 



मोदीजी की कुरुक्षेत्र रैली के लिए अभेद सुरक्षा इंतजाम।

नमस्कार दोस्तों,

मोदीजी की कुरुक्षेत्र  रैली  : दोस्तों, जैसा की आप सभी जानते हैं की लोकसभा चुनाव अपने आखरी चरण में हैं। सभी राजनैतिक पार्टी इस चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं। सभी पार्टी के  स्टार प्रचारक जोरो शोरों से प्रचार में लगे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी केवल और केवल मोदी के दम पर चुनाव लड़ रही है। यही वजह है की बीजेपी के कार्यकर्ताओं के पास प्रचार के नाम पर केवल मोदी जी के गुणगान के अलावा करने को और कुछ बचा नहीं है। मोदी जी खुद ही किसी बड़े स्टार प्रचारक की तरह पार्टी को विजयी बनाने के लिए सारा जिम्मा अपने कन्धों पर ले लिया है।

मोदीजी की कुरुक्षेत्र रैली में जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम:

मोदी जी चुनाव प्रचार करने के लिए धर्म नगरी कुरुक्षेत्र आने वाले हैं। मोदी जी के आगमन से पहले उनकी सुरक्षा के सारे इंतज़ाम कर लिए गए हैं। धर्म नगरी कुरुक्षेत्र के चप्पे चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। मोदी जी के आगमन से लेकर रैली स्थल तक की निगरानी के लिए पांच पुलिस अधीक्षक, 15 पुलिस उप अधीक्षक और 1700 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। यदि हम कहें की ये सभी मिलकर नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए किसी अभेद चक्रव्यूह का निर्माण कर रहे हैं तो गलत नहीं होगा। प्रदेश की पुलिस के साथ ही एसपीजी, आईबी, सीआईडी और तमाम दूसरी सुरक्षा एजेन्सियां मोदी जी की रैली में पल पल की खबर रखने वाले हैं।  सुबह पांच बजे से ही उन तमाम रास्तों को सील कर दिया जाएगा जिन जगहों से मोदी जी की चुनावी रैली गुजरने वाली है।

मोदीजी की कुरुक्षेत्र रैली में शामिल कारगेड चालकों का हुआ मेडिकल जांच:

प्रधानमंत्री मोदी के इस चुनावी रैली में उनके कारगेड चालकों का भी सुरक्षा के लिहाज से मेडिकल जांच की गई है।  एलएनजेपी अस्पताल में सोमवार को ओपीडी बंद होने के बाद मोदीजी के कारगेड में शामिल होने वाले 11 चालाक पहुंचे। चिकित्सकों के एक पैनल ने इन सभी 11 चालकों का निरिक्षण किया जिसमे एक चालक का बीपी सामान्य से अधिक पाया गया। अधिक बीपी वाले चालक को दोबारा जांच कराने के लिए कहा गया।  सुरक्षा के सभी पहलु को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने हॉस्पिटल के पास बन रहे निर्माणाधीन ईमारत की खिड़कियों को सुरक्षा के लिहाज से बंद करा दिया है। पुलिस अधीक्षक ने एक लिखित पत्र भेजकर जिला सिविल सर्जन को निर्देशित किया है। जिला सिविल सर्जन डॉक्टर डॉक्टर सुखबीर ने पत्र का जवाब देते हुए कहा की ईमारत अभी निर्माणाधीन है और अभी हमें सौपा नहीं गया। पीडब्लूडी विभाग को भी पत्र लिखकर एहतियात बरतने और सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा गया है।

प्रधान मंत्री मोदी के लिए एलएनजीपी हॉस्पिटल में अलग से आपातकालिक कमरा तैयार किया गया है। सुरक्षा में चूक या किसी अनहोनी की स्थिति से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर ऐसा किया गया है। इस कमरे में केवल सुरक्षा कर्मचारी और चिकित्सा अधिकारी ही जा पाएंगे।

कुरुक्षेत्र के नागरिक जब घर से निकलें तो इन रास्तों का करें प्रयोग। 

पीएम रैली की सुरक्षा के मद्देनजर सुबह पांच बजे से ही पुराना बस अड्डे से लेकर थर्ड गेट तक का पूरा रास्ता सील कर दिया जाएगा। रैली समाप्त होने के दो घंटे बाद तक आम लोगों के लिए यह रास्ता बंद रहेगा। पिहोवा की तरफ से आने वाले वाहनों को मुख्यमार्ग ग्राम नरकतरी से मोड़कर शेख चाहेली मकबरा, माता भद्रकाली चौक से होते हुए पुराना बस स्टैंड होते हुए पीपली के लिए निकाला जायेगा। झांसा रोड से पिहोवा जाने वाले वाहनों के लिए नरकातरी रोड से होकर जाने वाला रास्ता ही रहेगा। कैथल ढांढ मार्ग से आने वाले वाहनों को ग्राम मिर्जापुर से दयालपुर , एनआईटी गेट के सामने से होते हुए नई अनाज मंडी की तरफ से सौ फूटा रोड होते हुए पिपली और करनाल की तरफ जाना होगा। अम्बाला, लाडवा, यमुना नगर और करनाल की तरफ से कुरुक्षेत्र से होते हुए ढांढ व पिहोवा जाने वाले वाहनों के लिए परिवर्तित मार्ग 100 फूटा रोड , बीआर इंटरनेशनल चौक से चनारथल रोड, एनआईटी गेट से दयालपुर, मिर्जापुर होते हुए अपने तय स्थान तक जा पाएंगे।

 इसी प्रकार आम जनता के आवाजाही के लिए प्रयोग की जाने वाली सभी आम रास्तों का रुट कार्यक्रम के लिहाज से बदल दिया गया है। कुरुक्षेत्र के नागरिकों से निवेदन है की वे घर से बहार निकलने से पहले बदले गए रास्तों की पूरी जानकारी ले लें तभी घर से बाहर निकलें, अन्यथा परेशानी हो सकती है।

अगर होती एक चौथाई सुरक्षा तो नहीं होता पुलवामा हमला:

मोदी जी की सुरक्षा के लिए इस चाकचौबंद व्यवस्था को देखकर मुझे अपने सीआरपीएफ के 44 शहीदों की याद आ गई जिन्हे पुलवामा आतंकी हमले में मार दिया गया। अगर मोदी जी की सुरक्षा की एक चौथाई भी सुरक्षा हमारे जवानों के काफिले के लिए बरती जाती तो आज देश अपने जवानों को नहीं खोता।  खैर मोदी जी नेता है और वो एक मामूली सैनिक थे और बीजेपी के हिसाब से तो सैनिक पैदा ही मरने के लिए होता है।




तूफान फनी ने ओडिशा को किया तबाह, आठ की मौत। पड़ोसी राज्य भी हुए प्रभावित।

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चक्रवाती तूफान फनी के पूर्वी तक की और मुड़ने के कारन ओडिशा के समुद्री तटों के किनारे बेस 11 लाख लोगों को एहतियात के तौर पर तटों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया।  यह भारत का पहला सबसे बड़ा आपदा पूर्व किया जाने वाला अभियान है। शुक्रवार को ओडिशा में भारी तबाही मचने और आठ लोगों की जान लेने के बाद शनिवार को यह तूफान पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल पहुंचने से पहले तूफान की प्रचंडता में कमी देखी गई। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है की 50 -60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार और तेज दबाव के साथ यह दोपहर बाद तक बांग्लादेश पहुंच जायेगा। हालांकि ओडिशा से पश्चिम बंगाल पहुंचने के दौरान तूफान की तीव्रता में कमी आनी शुरू हो गई थी। ममता बनर्जी ने कहा की राहत दल सक्रिय हैं और अगले दो दिनों में ओडिशा का जन जीवन सामान्य हो जाएगा। कोलकाता हवाई अड्डे पर शनिवार सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर विमानों का परिचालन  पुनः शुरू कर दिया गया।

प्रशासन ने तूफान से पहले की सारी तैयारी कर ली थी : ममता बनर्जी

तूफान की प्रचंडता को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से 42000 लोगों को तटों से हटाया था। सभी लोगों को एक या दो दिन में उनके घरों में वापिस भेज दिया जायेगा। मैं तूफान को लेकर पिछले एक सप्ताह से चिंतित थी। स्थिति पर लगातार हमारी नज़र बनी रही और हमने एहतियात के लिए सभी जरुरी कदम उठाए हैं। कोलकाता के मेयर तूफान की स्थिति पर पूरी रात नज़र रखे हुए थे। हमें जनता से भी हर संभव सहयोग मिला। हम उनका धन्यवाद् करते हैं : ममता बनर्जी। 

तूफान फनी : ममता बनर्जी ने कहा पश्चिम बंगाल में अगले दो दिन में सामान्य हो जायेगी स्थिति। 

आंधी की वजह से सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाकर सड़कों को साफ़ किया जा रहा है। दीघा, मंदरमणि जैसे कई जगहों पर स्थिति सामान्य हो चुकी है। बाकि बची जगहों पर बहाली का काम पुरजोर तरीके से जारी है। अधिकांश इलाकों पर तूफान की वजह से रोकी कई बिजली आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है। अगले दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

कितना हुआ नुक्सान। 

ममता बनर्जी ने बताया की अबतक तूफान बांग्लादेश पहुंच  चूका है। पर अब तूफान से हुए नुकसान साम तक नज़र आएंगे। तूफान के चलते बिजली के कई पोल उखड़ गए हैं, सड़कों पर गिरे पेड़ों को उठाया जा रहा है सड़कें भी छतिग्रस्त हुई हैं। 12 कच्चे मकान ढह गए और 800 से अधिक घरों को आंशिक नुक्सान पहुंचा है। हम स्थिति सामान्य करने में लगे हैं।

बचाव कार्य को बारे में बोले नवीन पटनायक

नवीन पटनायक ने बताया की मात्र 24 घंटे में 1.2  बिलियन लोगों को तटों से निकाला गया जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। गंजम से 3.2 लाख और पूरी से  1.3 लाख लोग हटाए गए।   रात भर में 9000 आश्रयों और 7000 रसोई घरों को सक्रिय बनाया गया। इस सबसे बड़े आपदा प्रबंधन और बचाव कार्य में 45000 से अधिक स्वयं सेवक शामिल थे। तूफान के बाद मिल रही जानकारी के मुताबिक जान और माल की बहोत ही कम हानि हुई है। 

बिक गई शो मैन राजकपूर की आखरी धरोहर आर. के. स्टूडियो।

नमस्कार दोस्तों,

हमने अपने बड़े बुज़ुर्गों से सुना था की इस नदिया में कुछ भी शास्वत नहीं। एक न एक दिन अच्छा या बुरा सबकुछ ख़त्म हो जाता है। समय के साथ दुनिया सबकुछ भुला देती है, चाहे वह आपकी अच्छाई हो या बुराई। इस धरती पर वह सबकुछ जिसे हम देख, छू या महसूस कर सकते हैं वह कभी न कभी ख़त्म हो ही जाती है। आज इसी बात का जीता जागता सबूत हमें देखने को मिला जब हिंदी सिनेमा जगत के शो मैन कहे जाने वाले राज कपूर साहब के फिल्म स्टूडियो आर. के. स्टूडियो के बिकने की खबर आई।

आर. के. स्टूडियो (R.K. STUDIO) का इतिहास:

आर. के. स्टूडियो की नीव शो मैन राजकपूर ने बड़े अरमानों के साथ रखी थी। आर के स्टूडियो ने कई कलाकारों के हुनर को तराशा और उन्हें हिंदी सिनेमा का जगमगाता हुआ सितारा बना दिया। आर. के. स्टूडियो की स्थापना साल 1948 में राजकपूर साहब ने बड़े अरमानों के साथ की थी।


आर. के. स्टूडियो के बैनर तले बनी पहली फिल्म थी आग (aag 1948) . स्टूडियो की यह पहली फिल्म भले ही असफल रही पर इसके बाद इस स्टूडियो ने कई यादगार फिल्मों का प्रोडक्शन किया। आइए जानते हैं आर. के. स्टूडियो के बैनर तले बनी फिल्मों के बारे में :


  1. आग ( Aag 1948 ) 
  2. बरसात ( Barsaat 1949 )
  3. आवारा ( Aawaara 1951 )
  4. बूट पोलिश 
  5. जागते रहो 
  6. श्री 420 
  7. जिस देश में गंगा बहती है (1960 )
  8. मेरा नाम जोकर (1970 )
  9. बॉबी (1973 )
  10. सत्यम शिवम् सुंदरम (1978 )
  11. प्रेम रोग (1982 )
  12. राम तेरी गंगा मैली (1985 ) यह राज कपूर सर के डायरेक्शन में बनी आखरी फिल्म है। इसके बाद रणधीर कपूर ने स्टूडियो ज्वाइन किया और अपने पिता के इस प्रोडक्शन हाउस को आगे बढ़ाया। 
  13. कल आज और कल (1971 ) इस फिल्म से रणधीर कपूर ने बतौर निर्देशक अपने कैरियर की शुरुवात की। 
  14. धरम करम (1975 ) इस फिल्म को अधूरा छोड़कर राजकपूर साहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। रणधीर कपूर ने इस फिल्म को उनके जाने के बाद साल 1988 में पूरा किया। 
  15. हिना (1991 )
  16. प्रेम ग्रन्थ (1996 ) राजीव कपूर द्वारा निर्देशित। 
  17. आ अब लौट चलें ( 1999 )
फिल्म "आ अब लौट चलें" आर. के. स्टूडियो के बैनर तले बानी अंतिम फिल्म थी। इस फिल्म के बाद रणधीर कपूर और उनके दोनों भाइयों ने इस स्टूडियो को बंद कर दिया।

दोस्तों यह वो यादगार फ़िल्में हैं जिनकी कहानी और गाने आज भी दर्शकों को खूब पसंद आते हैं। राजकपूर साहब ने ही हिंदी फिल्मों में बोल्ड सीन फिल्माने का रिवाज शुरू किया था। बुड्ढा मिल गया और राम तेरी गंगा मैले फिल्म में उन्होंने सबसे पहले बोल्ड सीन फिल्माया था। 


साल 2017 में बंद पड़ी आर के स्टूडियो में आग लगने की खबर आई। ऋषि कपूर ने मीडिया में बताया की स्टूडियो में लगी आग से काफी कुछ तबाह हो गया। आगजनी के कुछ दिनों बाद अपने एक इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने बताया की वे आर के स्टूडियो को बेचने वाले हैं।

गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड होगा नया मालिक:

गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड कंपनी ने आर के स्टूडियो को खरीद लिया है। यह सौदा कितने में हुआ इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। बॉलीवुड के शो मैन की इस प्रोडक्शन हाउस को खरीदने वाले जीपीएल के मालिक ने अब यहां 3,50,000 वर्ग फीट जगह में अत्याधुनिक आवासीय परिसर और एक लक्सरी रिटेल सेंटर बनाने की घोषणा की है।  रियल स्टेट के स्थानीय जानकारों के मिताबिक जगह की कीमत 24000 से 28000 रुपये प्रति वर्गफीट बताई जा रही है।

अभिनेता रणधीर कपूर ने कहा कि "यह जगह पिछले कई दशकों से मेरे परिवार की लिए काफी मायने रखती है। परिवार से इस जगह का भावनात्म जुड़ाव है। हम इस जगह पर एक नया इतिहास लिखने के लिए जीपीएल को चुनकर काफी उत्साहित हैं।"















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